ये बन्द कमरो की वीरनीया मुझे अवाज देती है, कुछ लम्हे कुछ कहानिया मुझे ये राज देती है।। अगर मैं लिखना चाहु मेहबूब के बारे मे कुछ। ये मेरी कलम की नोक …
Read moreसैनिक का आखिरी खत मैं भारत का एक सिपाही हुँ, दुश्मनो के लिए मै त्राहि हुँ , मगर चले कभी मेरी अंतीम सांस, टूट जाये जीने की आस , लपेट तिरंगे में मुझ…
Read moreमेरी नापसंद से इज़ाफ़त करने वाली वो, झगड़े के बीच शरारत करने वाली वो।। मैं हूँ की फूलों से भी दूरियाँ रखने वाला, और तितलियो…
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