सन्नाटें में बैठ ये नीले गगन से बात कौन करें,
चमकते हुए चाँद तारों से मुलाकात कौन करे,
बस एक तेरा ख़्वाब साथ होता तो कर भी लेता,
मगर अकेले इक रात से दो दो हाथ कौन करें ।।
© Priyanshu Tripathy
सन्नाटें में बैठ ये नीले गगन से बात कौन करें,
चमकते हुए चाँद तारों से मुलाकात कौन करे,
बस एक तेरा ख़्वाब साथ होता तो कर भी लेता,
मगर अकेले इक रात से दो दो हाथ कौन करें ।।
© Priyanshu Tripathy